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Sabar Shayari In Hindi

In life, patience or sabar, as we call isn’t just a virtue, it’s an emotion we live through. Whether it’s waiting for love, healing from heartbreak, or simply holding on in silence, sabar speaks louder than words. This collection of Sabar Shayari in Hindi is for those hearts who’ve mastered the art of staying calm even when storms rage within. Read on, maybe you’ll find your unspoken feelings hidden in these lines.

Sabar Shayari In Hindi 2 Line

सब्र की राह पे चलते हैं खामोशी के साथ, क्योंकि शोर करने वाले अक्सर हार जाते हैं रात।
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वक़्त ने सिखाया है दर्द सहना चुपचाप, अब तो आँसू भी खुद ही पूछते हैं, “क्या बात?”
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तूफानों से भी कह दिया अब डर नहीं लगता, सब्र की आग में खुद को जलाया है हमने जब तब।
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हर सवाल का जवाब वक़्त देता है यार, बस दिल को सब्र रखने की होती है दरकार।
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टूट कर भी मुस्कुराना है सब्र की पहचान, वरना हर चेहरा रोता है किसी न किसी अरमान।
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थक कर भी चलते जाना ही सब्र है, वरना रुक जाना तो हार की पहली सीढ़ी है।
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Sabar Shayari In Hindi 2 Line
सब्र का फल मीठा नहीं, समझदार होता है, जो कड़वे लम्हों को भी सीने से लगाता है।
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दिल में दर्द छुपा है, जुबां पे हँसी है, ये सब्र की ताक़त है, वरना हालत सदीसी है।
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जो खो गया है, वो लौटेगा जरूर, बस सब्र की डोर थामे रह तू दूर।
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हर रात की सुबह होती है यकीन मान, बस सब्र रख और खुद पे ऐतबार जान।
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जलते सवालों का जवाब भी मिलेगा, सब्र रख, हर दर्द का हिसाब भी मिलेगा।
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सब्र करना आसान नहीं होता दोस्त, ये आग भी है, और पानी भी साथ लाता है।
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वो जो हँसते हैं, सब्र के आँसू पीकर हँसते हैं, वरना दर्द की कहानी हर किसी के दिल में बसते हैं।
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सब्र की राह में कांटे ही कांटे होंगे, मगर जो चलेगा वही मंज़िल पे पहुँच पाएंगे।
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कोई सुने ना सुने, तू कहता चल, सब्र कर, सन्नाटों में भी आवाज़ मिलती है कल।
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सब्र का इम्तिहान हर किसी के नसीब में नहीं, कुछ ही होते हैं जो दर्द को सीने से लगाए बैठें वहीं।
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तू टूटेगा भी नहीं, बिखरेगा भी नहीं, सब्र कर, तू खुद में ही इक कारवाँ बन जाएगा कहीं।
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जिसने सीखा सब्र, उसने सब कुछ पाया, क्योंकि हालात से लड़ने का हुनर उसी ने आया।
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सब्र की ताक़त को कम मत आंक, ये वही ज़मीन है जहां उम्मीदें पनपती हैं सांझ-सांझ।
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4 Line Sabar Shayari

चलता रहा हूँ कांटों पर भी मुस्कुरा के, हर दर्द छुपाया है सब्र की चादर ओढ़ा के। जिसने खुद को वक़्त के हवाले कर दिया, वही हर तूफान से लड़ कर जीता है।
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ना शिकवा किया, ना शिकायत की, बस हर चोट पर मुस्कान इबादत की। सब्र को अपने सीने में रख लिया, और ख़ुदा की रहमत का इंतज़ार किया।
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सब्र को हथियार बना लिया हमने, हर ज़हर को हँस के पी लिया हमने। दुनिया क्या तोड़ेगी हमें अब, जब खुद को वक़्त से ही जीत लिया हमने।
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4 Line Sabar Shayari
वक़्त को देखा है पलटते हुए, अंधेरों को भी रोशनी में बदलते हुए। सब्र की ताक़त ने ये करिश्मा किया, ग़मों को भी मोहब्बत में ढलते हुए।
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सब्र की भी हद होती है मगर, फिर भी चुप हैं, क्योंकि ये है असर। जिन्हें खोकर भी मुस्कुरा दें हम, समझ लेना कि सब्र बड़ा हुनर।
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दर्द ने ही हमें मजबूत बनाया है, सब्र ने हर ज़ख्म को सहलाया है। जो रोता नहीं हर ठोकर पर, वही इंसान वक़्त से जीता आया है।
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हर बात पर चिल्लाने से कुछ नहीं होता, सब्र रखने वालों का ही वक़्त होता। खामोशियाँ बहुत कुछ कह जाती हैं, बस समझने वाला दिल चाहिए होता।
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बातें नहीं, अब सब्र जवाब देता है, टूट के भी इंसान खुद को संभाल लेता है। वो जो हँसते हैं हर दर्द के बाद, असल में वही सबसे बड़ा सवाल देता है।
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सब्र किया तो हालात बदल गए, ग़मों के साये भी पल में ढल गए। कभी सोच भी नहीं सकते थे जो, आज वो खुद सामने खड़े मिल गए।
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तेरा वादा ना सही, मेरा सब्र तो था, तेरी खामोशी में भी मेरा इश्क़ छुपा था। कभी सोच के देख, क्या बीती होगी मुझपे, जिसने हर दर्द को हँस के जिया था।
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जो सब्र की मिसाल बनते हैं, वही ग़मों के तूफानों को सहते हैं। ना शिकायत, ना कोई शिकवा रखते, हर घाव को हँसी से ढकते हैं।
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हमने हर मोड़ पे सब्र किया है, ख़ुद को हर दर्द से जिया है। ना रोये, ना किसी से कहा, बस वक़्त का खेल समझ लिया है।
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जब बात ना बने, तो खामोश रहना, सब्र रखना, वक़्त का पहिया है घूमना। जो आज तुझे समझ नहीं पा रहे, कल वही तेरी कद्र करेंगे झुकना।
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हर दर्द का जवाब आँसू नहीं होते, कुछ लोग मुस्कुरा कर भी टूटे होते। सब्र की भी एक जुबां होती है, बस उसे समझने वाले कम होते।
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ना जाने कितनी रातें जाग कर बिताई हैं, सब्र की चादर ओढ़े बैठा रहा साई। जिन्हें खोया उन्हें रोया भी नहीं, बस हर सुबह नए इम्तिहान लायी।
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सब्र कर, हर चीज़ का वक़्त आता है, जो आज दूर हैं, कल पास आता है। दिल बड़ा रख और उम्मीद जिंदा, हर मौसम के बाद बहार आता है।
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दिल रोया मगर लब मुस्कराते रहे, हर दर्द को चुपचाप अपनाते रहे। जिसने खुद को सब्र में ढाल लिया, वही ज़िंदगी के इम्तिहान पास करते रहे।
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हर कदम पर सब्र की ज़रूरत होती है, हर जख्म की अपनी एक हिकायत होती है। जो सह जाता है बिना कुछ कहे, वही असल में जिंदगी की ताक़त होती है।
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चलो आज फिर से सब्र करते हैं, जो मिला नहीं, उसे ख़ुदा पर छोड़ते हैं। हमारी दुआओं में दम होगा इतना, कि एक दिन मुकद्दर भी हमें देख मुस्कराएगा।
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Sabar Shayari On Life

तेरा नाम लेकर जीते रहे तन्हा, सब्र ने ही सिखाया इश्क़ का फ़लसफ़ा।
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तू आज नहीं, पर यक़ीन है कल होगा, सब्र का हर लम्हा सिर्फ तुझसे जुड़ा होगा।
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तेरे इंकार में भी इक सुकून मिला, क्योंकि सब्र से बड़ा कोई इज़हार नहीं मिला।
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तुझसे कुछ कह न सके, सब्र था वजह, कभी मोहब्बत भी खामोशियाँ पहनती है।
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हमने हर धड़कन में तेरा नाम रखा, सब्र ने ही तो इस इश्क़ को मुकाम रखा।
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इज़हार नहीं किया, बस सब्र से चाहा, क्योंकि प्यार में वक़्त का भी एक रास्ता होता है।
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ना तू मिला, ना शिकवा किया, बस सब्र से मोहब्बत को खुदा बना लिया।
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हर ख्वाहिश को तेरे नाम पर रोका है, सब्र ही है जो इस दिल को संभाल रखा है।
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तू मिले या ना मिले, कोई ग़म नहीं, सब्र से ही मोहब्बत को सच्चा किया हमने कहीं।
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तेरे एक “हाँ” के लिए सब्र की दुनिया बसा ली, वरना इश्क़ में तो सबने हसरतों की आग जला ली।
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हर दिन तेरा ख्याल बन कर आता है, और सब्र उसे बिना माँगे अपना बना लेता है।
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तेरा इंकार भी मेरे लिए इनाम है, क्योंकि सब्र अब इश्क़ का दूसरा नाम है।
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माना इश्क़ में हम अकेले रह गए, पर सब्र से तेरे करीब होते चले गए।
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Sabar Shayari On Life
तेरे चेहरे की याद से सुबह होती है, सब्र की चुप्पी में ही मोहब्बत रोती है।
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तेरा साथ मिले या ना मिले, सब्र से ही मैंने तुझे हर साँस में जी लिया।
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इश्क़ वो नहीं जो मिल जाए फ़ौरन, सब्र वाला प्यार ही करता है सच्चा समर्पण।
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ना तुझे छुआ, ना आवाज़ दी, बस सब्र से दिल में तुझे सजा ली।
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हर रोज़ इज़हार की हसरत होती है, और हर रोज़ सब्र से मोहब्बत निभती है।
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जब तू सामने था, सब्र न था, अब तू दूर है, सब्र ही सब कुछ है।
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तेरे बिना भी तुझसे इश्क़ करते हैं, सब्र की राहों में तन्हा चलते हैं।
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Motivational Sabar Shayari

तेरा साथ पाने का जुनून है आज भी, पर सब्र ने सिखाया है ठहराव में भी सुकून है।
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तेरी हाँ का भरोसा है इस दिल को, तभी तो सब्र भी अब मेरा हौसला बन चुका है।
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हर ना के बाद भी उम्मीद बाकी है, सब्र कहता है — मोहब्बत में हार नहीं होती यकीन की।
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इज़हार आज नहीं तो कल सही, सब्र से निभाया है, तो मंज़िल भी मिलेगी सही।
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तू चाहे तो पल में बदल जाए सब कुछ, पर हम वो हैं जिन्होंने सब्र से इश्क़ सजाया है हर दफ़ा।
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तेरे ख्यालों में भी जो शांति मिलती है, वो सब्र से सीखी हुई मोहब्बत की ताक़त है।
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तेरा इंकार मुझे पीछे नहीं खींचता, सब्र ने मुझे सिखाया है – सच्चा इश्क़ झुकता नहीं।
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सब्र करूँगा जब तक तेरी “हाँ” नहीं सुनता, क्योंकि जो सच्चा प्यार करता है, वो मंज़िल से पहले नहीं रुकता।
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Motivational Sabar Shayari
तू पास हो या दूर, फर्क नहीं पड़ता, सब्र मेरा वो हौंसला है जो उम्मीद से जुड़ता।
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तू बस देख, कैसे वक्त बदलेगा, सब्र रखने वाला इश्क़ एक दिन सबको चौंकाएगा।
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इश्क़ में जीत उन्हीं की होती है, जो सब्र को अपना सच्चा साथी मानते हैं।
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ना थकेंगे, ना झुकेंगे, बस सब्र से बढ़ेंगे, तेरे दिल के दरवाज़े तक खुद को पहुँचाएंगे।
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तेरी मुस्कान ही मेरी मंज़िल है, और सब्र मेरी सबसे बड़ी मुश्किल का हल है।
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चुप रहना कोई कमजोरी नहीं होती, सब्र करने वालों की मोहब्बत हमेशा गहरी होती।
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हर दर्द के बाद इश्क़ और मजबूत होता है, अगर साथ हो सब्र तो हर इम्तिहान छोटा होता है।
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तेरी ख़ुशी के लिए खुद को रोका है, सब्र से ही दिल को संभाला और इश्क़ को बोला है।
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जो सब्र नहीं कर सकता, वो इश्क़ क्या करेगा, मोहब्बत में तो वक़्त को भी साथ चलाना पड़ता है।
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मुझे पता है तू मेरी होगी, इसलिए सब्र को अपनी सबसे प्यारी दुआ सी रखी है।
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तू अभी ना सही, पर एक दिन कहेगी, “जिसने सब्र रखा, वही सच्चा था” – तू मानेगी।
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इज़हार के लिए सब्र रखो यारों, क्योंकि सच्चा प्यार वक़्त लेता है, इम्तिहान नहीं।
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Deep Sabar Shayari

तेरी ख़ामोश निगाहों में जो सुकून है, उसे महसूस करने को सब्र ने रूह को मौन कर दिया।
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हमने इज़हार नहीं किया, सिर्फ दुआ की, क्योंकि सब्र की जुबां को मोहब्बत सुनाई देती है।
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हर रात तेरा ख्याल रूह तक उतर आता है, और सब्र उसे एक चिरप्रतीक्षा की लौ बना देता है।
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तू कह दे ‘हाँ’, इतनी सी तलब है, वरना सब्र तो हर दिन मुझे इश्क़ की तिश्नगी देता है।
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इश्क़ वो नहीं जो मिल जाए पल में, सब्र वो इबादत है जो हर पल तुझे ख़ुदा समझे।
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तेरे लबों की चुप्पी भी इक अफ़साना है, जिसे सब्र ने मेरी धड़कनों में तराशा है।
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Deep Sabar Shayari
हर अधूरी चाहत को सब्र ने सहेजा है, तेरे इंकार को भी मेरी मोहब्बत ने पूजा है।
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मैंने वक़्त से नहीं, ख़ुदा से माँगा तुझे, और सब्र से खुद को हर इनकार के लिए तैयार किया।
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जो तूने कहा नहीं, वो मैंने सब्र से समझा, तेरी नज़रों ने जो छुपाया, वो दिल ने महसूस किया।
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इश्क़ की मंज़िल तेरी ‘हाँ’ नहीं, बल्कि वो रास्ता है जहाँ सब्र हर साँस में तेरा नाम लेता है।
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सब्र ने हर दिन तुझसे मोहब्बत को नया अर्थ दिया, तू दूर है फिर भी हर ख्याल में मेरे सबसे पास है।
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तू जब हँसता है, मेरी रूह तक मुस्कुराती है, शायद यही है सब्र — जो दूर होकर भी सुकून दे जाता है।
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तेरी यादें अब अल्फ़ाज़ नहीं मांगतीं, क्योंकि सब्र ने उन्हें आत्मस्पर्शी बना दिया है।
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तेरी खामोशी को भी मैंने प्रेमांजलि माना, और सब्र ने उस मौन को मेरी इबादत बना डाला।
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हमने अपने जज़्बातों को अल्फ़ाज़ नहीं दिए, बस सब्र से उनको तेरे नाम की चुप्पी ओढ़ा दी।
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तू नहीं आया, पर हर बार मन ने तुझे पुकारा, सब्र ने मेरी तन्हाई को तेरा दर बना डाला।
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मैंने तुझे चाहा उस रूप में, जहाँ इज़हार से ज़्यादा सब्र की दस्तक गूँजी।
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जो सब्र से मोहब्बत करे, वो तुझे तेरे इंकार में भी पा लेता है।
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तेरे इंतज़ार में मेरी रूह थकी नहीं, क्योंकि सब्र ने उस प्रतीक्षा को पूजा में ढाल दिया।
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इश्क़ की असली रूह सब्र में छुपी होती है, जहाँ ना सवाल होते हैं, ना जवाब – सिर्फ तन्हा इबादत।
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Sabar isn’t about giving up, it’s about holding on with grace. And sometimes, all it takes is one Shayari to make you feel seen.

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